शनिवार, 4 मार्च 2023

apni soch se amir baniye in hindi Chapter:-1

दौलतमंद बनने की ओर प्रहेला कदम

1 परिचय

एक व्यक्ति जिसने थॉमस अल्वा एडिसन के साथ व्यवसायिक भागीदारी करने का सोचा


वि
चारों में असीम शक्ति होती है अगर इन विचारों में उद्देश्य ध्रुव नीचे और मजबूत इरादों का समावेश हो जाए तो आप दौलतमंद बन सकते हैं यह वह वहां सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो आपने सोचा हुआ है


Think and Grow Rich Book Summary


    एडिविन सी बन्स  ने या खोज निकाला कि कैसे विचार शक्ति से धनवान बना जा सकता है इस खोज में सफलता पहले प्रयास में नहीं हासिल हुई बल्कि वह धीरे-धीरे प्राप्त हुई इस महान रहस्य की खोज की शुरुआत  बन्स कि उस चाहत से हुई  जो उसे महान एडिशन का व्यवसायिक भागीदारी बनाने के लिए दढ प्रतिज्ञा थी बन्स की इच्छाशक्ति की सबसे बड़ी बात यह थी कि वह स्पष्ट थी कि उसे डिशन के साथ काम करना है ना कि एडिशन के दफ्तर में काम करना है आप बन्स की कहानी को ध्यान से पढ़िए उसकी सोच वास्तविकता में कैसे तब्दील हुई फिर आपको 13 नियम बेहतर समझ आएगी जो आपको दौलतमंद बनाते हैं


    मूल संस्करण के लिए लेखक की प्रस्तावना


    जब बन्स के मन मे यहां विचार कौधा तब वह इस हालत में नहीं था वहां इस पर कोई कदम उठा सके उसमें रास्ते में दो चुनौतियों थी पहली यह कि यह एडिशन के उसकी कभी मुलाकात नहीं हुई थी न ही एडिशन उसे जानता था दूसरा यहां उसके पास रेल का भाड़ा देने का इतना पैसा नहीं था कि वहां वह रीच न्यू जैसी तक पहुंच सके यह चुनौतियां इतनी पर्याप्त तो थी कि अधिकतर व्यक्तियों के आत्मविश्वास को डगमगा दे और उनकी सोर्स यहीं पर दम तोड़ दे


    परंतु उसके इरादे इतने कमजोर नहीं थे वहां दढ प्रतिज्ञ था उसने हार नहीं मानी बल्कि बिना टिकट मालगाड़ी से यात्रा करके ईस्ट ओरिज पहुंच गया


    उसने एडिशन के प्रयोगशाला में खुद का परिचय दिया और कहा कि वहां इस अधिकार के साथ व्यवसाय करने आया हूं काफी समय के पश्चात एडिशन में इस पहली मुलाकात का खुलासा कुछ इस प्रकार किया था वहां मेरे सामने एक सामान्य पर्यटक की तरह खड़ा था परंतु उसके चेहरे का तेज देखकर यह पता चल गया था कि वहां जिस कारणवंश यहां आया है उसके लिए दढ प्रतिज्ञ है इतने साल के अनुभव में मुझे यह ज्ञान हो गया था कि अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो सारी कायनात तुम्हें उससे मिलाने की कोशिश में जुड़ जाती है मैंने भी उसके मजबूर इरादे को माफ कर उसे एक मौका दिया दे दिया था और उसने इस बात को पूरी तरह से दिमाग में बैठा लिया था कि उसे इस सफलता को पाकर ही रहना है धीरे-धीरे उसके कार्यों में भी यहां सिदध कर दिया कि मैंने उसको मौका देकर कोई गलती नहीं की थी उस नौजवान बन्स ने उस वक्त एडिशन से क्या कहा यहां उतना महत्वपूर्ण नहीं था जितना कि उसने इस बारे में सोचा कि उसे एडिशन के साथ में काम करना है इस बात पर एडिशन ने भी अपनी सहमति जताई थी


    अगर विचार शक्ति की यह बात हर पाठक तक पहुंच जाए तो उसे संपूर्ण किताब पढ़ने की कोई जरूरत नहीं है बन्स ने अपने पहले ही साक्षात्कार के बाद एडिशन के व्यवसाय में भागीदार नहीं बन गया था बल्कि उसे  एडिशन के ओफिस में बहुत ही कम मेहनत में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ था यहां कार्य ऐसा था जो एडिशन के लिए बहुत कम उपयोगिता पर बन्स के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण इस अवसर में बन्स को अपने होने वाले भागीदारी को अपनी व्यवहार कुशलता दिखाने का मौका दिया था उसका होने वाला भागीदार वहां उसके काम को परख सकता था


    कई महीने बीत चुके थे पर अपरोक्ष रूप से ऐसा कुछ भी घटित नहीं हो रहा था जिसे वह अपने उस निश्चित लक्ष्य तक पहुंच सके जो उसने अपने दिलो-दिमाग में सजा रखा है पर उसके मन में कुछ ऐसी प्रक्रिया चल रही थी जिनका परिणाम बाद में निकला पर तब तक वहां अपने मनो मषितपक में एडिशन का व्यवसायिक  पार्टनर बनने के अपने विचार पर और दृढ़ता पूर्वक सोचने लगा था


    ये भी पढ़ें - RICH DAD POOR DAD BOOK


    मनोवैज्ञानिकों ने यहां सही कहा है जब कोई विचार दिमाग पर हावी हो जाए तो वहां वास्तविकता में आपके सामने प्रकट हो जाता है  बन्स पूर्णतया एडिशन के साथ काम करने के लिए तैयार था और वहां तब तक दढप्रत्यक्ष होकर लगा रहा जब तक उसने वहां हासिल नहीं कर लिया जिसे वहां इतने समय में खोज रहा था


    उसने कभी इस बात के लिए नहीं विचार किया इतना परेशान होने की क्या जरूरत है चलो सेल्मिन की नौकरी आसानी से मिल जाएगी बल्कि उसने यह विचार किया मैं यहां पर  एडिशन के साथ व्यवसाय करने के लिए आया हूं मैं तब तक पीछे नहीं हटूंगा जब तक मैं इस मकसद में जीत नहीं जाता हूं चाहे बची हुई सारी जिंदगी यही पर गुजारनी पड़ी या सच में ही कि अगर आप एक उद्देश्य को लेकर पूरी जिंदगी जीते है तो आप एक अलग ही कहानी लिख सकते हैं


    शायद उस समय बन्स को यह बात ना पता रही हो परंतु उसकी मजबूत इच्छाशक्ति दढता ने बड़ी से बड़ी बाधाओं को पार करने के वहां अवसर दिला दिया जिसकी वहां तलाश कर रहा था अवसरों की एक खास बातें होती है या बिल्कुल अलग अंदाज में हमारे सामने आते हैं सिर्फ इतना ही नहीं जैसा आपने सोचा होता है उससे बिल्कुल अलग दिशा में भी यह अवसर अवतरित होते हैं ऐसा कह सकते हैं कि अवसर कि यहां चालाकी होती है कि वे पिछले दरवाजे से आते हैं और कई दफा तो दुर्भाग्य तथा क्षणिक हार के रूप में ही सामने आ जाते हैं शायद यही कारण है कि अधिक से अधिक लोग इन अवसरों को पहचानने में चुक जाते हैं


    उस समय एडीसन ने एक नए डिवाइस खोजी थी जिसका नाम एडिशन डिसचार्जिंग मशीन था बाद में उसे एडिर्फोन नाम से भी जाना गया एडिशन के सेल्समैन उस मशीन के लिए अधिक उत्साहित नहीं थे उन्हें ऐसा लग रहा था कि इसे बेचने के लिए उन्हें कुछ अधिक ही प्रयास करना पड़ेगा  बन्स को इसी मौके की तो तलाश थी उसने इस अवसर का लाभ उठाया और तुरंत उस मशीन को बेचने की अपनी इच्छा जाहिर की यहां यहां वहां मशीन थी जिसके लिए दुनिया में सिर्फ दो ही लोग उत्साहित थे यह  बन्स और दूसरा उस मशीन का अविष्कारक उसने इतनी सफल पूर्वक इस मशीन को बेचा कि एडिशन ने  बन्स को उस मशीन को संपूर्ण देश के बाजारों में वितरित करने का कोनटेकट को ही दे दिया इस व्यवसाय सफलता ने इसे एक नया श्लोक दे दिया (एडिशन बनाया और बन्स ने लगाया) यहां व्यवसायिक संधि इतनी सफल हुई कि इसमें बन्स को बहुत धनवान बना दिया पर इससे अधिक उसने यह सिद्ध कर दिया कि अगर आप साहिल ने तो आप भी अमीर बन सकते हैं


    असल में बन्स ने कितना धन कमाया इसकी सही सही जानकारी तो नहीं है पर यह अनुमान है कि उस समय उसने 20 से 30 लाख डॉलर कमाए थे जो भी यहां संख्या रही हो यहां उस ज्ञान के सामने फीकी पड़ जाती है जिन नियमों की मदद से  बन्स ने वहां हासिल किया जो वहां असल में चाहता था


    बन्स  ने तब यहां सोच लिया था कि उसे एडिशन के साथ भागीदारी करनी है जब उसके पास इसकी शुरुआत करने के लिए कुछ भी नहीं था सिवाय इसके कि वह इस विचार को ओर दढता के साथ सोच से और इस पर पूरे इरादे के साथ अमल करें जब तक वहां उसे हासिल ना कर ले


    उसके पास तनिक भी पैसा नहीं था वह अधिक शिक्षित भी नहीं था यहां तक कि उसके पास कोई पावर भी नहीं थी पर उसके पास साहस था विश्वास था वह इच्छा शक्ति थी कि वह जीत सकता है इन सभी ताकतों के साथ साथ वह उस महान आत्मा अविष्कार का दाया हाथ बन बैठा


    आओ अब उस व्यक्ति की कहानी पढ़ते हैं जिसके पास अमीर बनने के कई अवसर से पूर्व उसने अपने लक्ष्य से मात्र 3 फीट की दूरी पर काम करना बंद कर दिया


    सोना सिफ तीन फीट दूर था


    एक अस्थाई यहां पर प्रयास करना छोड़ देना और सफलता का सबसे आम कारण होता है हर किसी को कभी ना कभी इस गलती का एहसास जरूर होता है


    आर यू डबी जो बाद में देश के सफलतम बीमा एजेट बने वहां अपने अंकल की यह कहानी बताते हैं कि उस समय सोना के पीछे वह पागल थे तब उनके अंकल को भी अन्य व्यक्तियों की तरह सोना का भूत सवार हो गया था और वहां पश्चिम की तरफ सोना खोजने और अमीर बनने की निकले उन्होंने कभी यह नहीं सुना था कि दिमाग सबसे बड़ा सोना निर्माता है ना कि जमीन वहां खुदाई करने के लिए निकल पड़े बेशक यहां मुश्किल था पर सोना कि उनकी भूख निश्चित थी


    कई हफ्तों की मजदूरी के बाद उन्हें एक चमचमाता अयस्क प्राप्त हुआ उन्हें इस अयस्क को बाहर निकालने के लिए मशीन की जरूरत पड़ी जिसके लिए वह तुरंत अपने घर विलियम्स वर को मेरीलेट  वापस आ गए अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को इस सफलता के बारे में समझाया उनकी बातों ने सब को सम्मोहित कर लिया तथा सभी ने मिलकर पैसे इकटाठा किया और उस मशीन को खरीदकर उसी खान में भेज दिया डबी ओर उसके अंकल फिर से उसी खान में काम करने पहुंच गए


    जब उस चमचमाती धातु की पहली खेप गलाने और शुद्धिकरण के लिए भेजी गई तो उसका परिणाम देखकर उन्हें इस बात का विश्वास हो गया कि कोलाडो की सबसे बड़ी खान उनके पास ही है


    उनकी उम्मीदें तूफान की तरह दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी तभी ऐसा ना कुछ ऐसा हो गया कि वहां सोना की खान से सोना गायब हो गया वे अवसाद और निराश के चरम पर पहुंच गई है उन्हें उस खान में कहां सोना देखा ही नहीं वहां उस सिराको पाने के पार पाने के लिए कुछ प्रयास किए पर सफलता हाथ लगी


    अंतत उन्होंने इस मशीन को बेच देने का निर्णय ले लिया उन्होंने एक कबाड़ी को सीफ कुछ डोलरो में उस मशीन को बेच कर घर वापस आ गए सुना होगा कि कुछ कबाड़ी सच में बेवकूफ होते हैं पर वहां व्यक्ति उनमें से एक नहीं था उसने दिमाग लगाया और यह खान इंजीनियर को उस खाएं दिखाने के लिए बुलाया उसने यहां देखकर अनुमान लगाया कि सोना सिरा सिर्फ 3 फीट नीचे पाया जा सकता है जहां से डबी और उसके अंकल ने खुदाई रोक दी थी वास्तविकता में हुआ भी वहीं

    ये भी पढ़ें - LOKVYAVAHAR BOOK


    वह कबाड़ी उस खान से निकले अयस्क की वजह से करोड़पति बन गया था क्योंकि वहां जानता था कि किसी कार्य को छोड़कर पहले किसी विशेष को मसविरा  लेना जरूरी होता है उस मशीन की खरीदने के लिए रिश्तेदारों और पड़ोसियों से पैसा लिया गया था जिसका भुगतान डबी ने किया था क्योंकि उन लोगों को उस नौजवान पर विश्वास था डबी को उस मशीन का सारा भुगतान करने में कई वर्ष लग गई थे


    इतनी हानि होने के पश्चात वहां इस गम से तब निकल पाया जब वहां एक बीमा कंपनी में बीमा एजेंट बन गया और उसे पता लग गया कि इच्छाशक्ति के दम पर सोना बनाया जा सकता है


    वह उस घटना को भुला नहीं था जिसने उसकी जिंदगी बदल दी वह असीम दोलत से मात्र 3 फीट की दूरी पर प्रयास करना छोड़ दिया था


    डीबी को उस अनुभव से बहुत लाभ हुआ उसे पता चल गया था कि किसी किसी ना का मतलब ना हो यह जरूरी नहीं उसने अपने कार्य को बीच में छोड़ने की आदत को हमेशा हमेशा के लिए छोड़ दिया था और उसने यहां तो कर लिया था कि उसे कोशिश तब तक करनी है जब तक सोना ना निकल जाए यानी जब तक व्यक्ति हा न कह दे


    सफलता का रास्ता कुछ अस्थाई असफलताओं से होकर गुजरता है अधिकांश लोगों काम को बीच में ही एक  असफलता के बाद छोड़ देते हैं उन्हें पता होना चाहिए कि असफलता सिर्फ एक विलंब है हार नही


    लगभग 500 अमेरिका के सफलता व्यक्तियों ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें सफलता तब मिली जब वह हार उनके बिल्कुल नजदीक थी


    और सफलता इस मामले में बहुत चालाक है वहां लोगों के मन भटकाने के लिए अफसर तभी आती है जब और सफलता बहुत नजदीक होती है


    दूढ़ता का पचास सेट पाठ 


    हार्ड नोक्स विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के कुछ दिनों बाद मिस्टर डबी ने बीमा एजेंट के रूप में कार्य करना प्ररंभ कर दिया क्योंकि उन्हें सोने की खान वाले कार्ड से यह पता लग गया था कि जरूरी नहीं कि ना का अर्थ और ना ही हो


    एक दोपहर वहां अपने अंकल की गेहूं पीसने वाली पुरानी मशीन मील में बैठे हुए थे उनके अंकल के पास बहुत जमीन थी जिसके आसपास खेतों में काम करवाने वाले मजदूर रहा करते थे डबी को बैठे हुए कुछ देर ही हुए थे कि तभी धीरे धीरे से दरवाजा खोला और एक मजदूर की छोटी सी बच्ची अंदर घुस आए तथा दरवाजे के ठीक बगल में खड़ी हो गई


    अंकल ने उसकी ओर देखा और डबी तेज गुराते हुए बोले तुझे क्या चाहिए?
    उस बच्ची ने बड़ी मासूमियत से जवाब भी दिया मेरी मम्मी ने अपने पांच सेट मंगाए है


    नहीं दुगा अंकल ने चिल्लाते हुए जोड़ा दफा हो जाओ यहां से ठीक है उस लड़की ने जवाब दिया और वहां कहीं नहीं गई
    फिर अंकल अपने काम पर लग गई काम में इतना तल्लीन हो गई कि उन्हें पता ही ना चला कि वहां लड़की अभी भी खड़ी थी उस दिन जब उन्होंने पलटकर देखा तो उस बच्ची को खड़ा पाया वहां फिर से चीलाइए जाती हूं यहां से या फिर मैं भगाऊ 


    उस लड़की ने फिर से यहां जवाब दिया ठीक है और उस जगह से हीली तक नहीं


    अंकल की बोरी को मील में डालने जा रहे थे पर उन्होंने उसे रोककर एक लोहे का डंडा उठाया और उसे लेकर ऐसा भयानक चेहरा बना कर छोड़ दिए जैसे उसे आज मार ही डालेगे


    डबी की सांसे रुक गई थी उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे वहां आज अपने सामने यह बच्ची की हत्या देखने जा रहे हैं उन्हें पता था कि उनके अंकल बड़े गुस्सौल और निर्दई व्यक्ति है जैसे ही अंकल बच्ची के नजदीक पहुंचे वहां लड़की अपनी जगह से एक कदम आगे बढ़ गई और अंकल की नजरों से नजर मिलाते हुए दढता पूर्वक बोली वहां पैसे मेरी मम्मी के हैं उन्हें दे दो


    अंकल यहीं पर रुक गई उस बच्ची को 1 मिनट तक घुरते रहे फिर धीरे से उस रोड को नीचे जमीन पर फेंक दिया और अपनी जेब में हाथ डालते हुए आधा डॉलर निकालकर उस बच्चे को पकड़ा दिया


    उस बच्ची ने वहां पैसा लिया और बिना नजर उठाए जाने लगी
    उसके जाने के पश्चात अंकल यह बकसा नुमा चबूतरे के ऊपर बैठे गए वह खिड़की से आसमान की तरह 10 मिनट तक निहारते रहे और शायद इस घटना के बारे में सोचते रहिए
    मिस्टर डबी यहीं सोच रहे थे उन्होंने पहली बार ऐसा देखा था कि खेतों में काम करवाने किसान की बेटी ने अपने से बहुत बड़े और ऊंचे व्यक्ति का इतने तथा पूर्वव्यापी साहस के साथ सामना किया आखिर उसने ऐसा क्या कर दिया कि उनके अंकल का सूर्य के सामना क्रोध चंद्रमा के सामना साथ हो गया था इस बच्चे के पास आखिर ऐसा कौन सा जादू था जो उसने इतने बड़े व्यक्ति पर चला दिया डबी का दिमाग इन्हीं प्रश्नों के चारों तरफ घूम रहा था और उन्हें को ठीक-ठीक जवाब नहीं मिल रहा था


    ये भी पढ़ें - SAWAL HI JAWAB HAI BOOK


    जानते हो डबी ने उस समय या घटना के बारे में लेखक को उसी पुरानी मील में ले जाकर बताया था ठीक उसी जगह पर जहां उसके अंकल बैठकर खिड़की के बाहर रोकते हुए आसमान की तरफ देख रहे थे हम लोग उसी पुराने मिल में खड़े थे जो अब किसी काम की नहीं रह गई थी और डबी ने फिर से उसी को दोहराते हुए प्रश्न कर बैठे आखिर उस बच्चे के पास ऐसा कौन सी विचित्र सकती थी जिसने मेरे अंकल के इरादों को एकदम से बदल दिया


    इस प्रश्न का जवाब इसी किताब में एक सिद्धार्थ के रूप में बताया गया है इसका जवाब विस्तृत और संपूर्ण देने की कोशिश की गई है इस सिद्धांत में पूरी जानकारी है जिसको ठीक उस बच्ची की तरह कोई भी व्यक्ति अमल में ला सकता है

    अपने दिमाग को चोकाना  कर लीजिए वह यहां पढ़ने का प्रयास कीजिए कि आखिर वह कौनसी विचित्र सकती थी जिसमें उस बच्ची का बचाव किया था अगले अध्याय में आपको इस असिम शक्ति की एक झलक दिखाई पड़ेगी किताब में कहीं ना कहीं आपको यह पता लग जाएगा कि इस असीम शक्ति का अपने लाभ और जरूरत के लिए कैसे प्रयोग करना है इस शक्ति जानकारी अगले अध्याय में भी हो सकती है या फिर उसके बदलाव में भी यहां एक अकेले विचार के रूप में भी आ सकता है या फिर किसी प्लान या फिर उसदेश के रूप में भी फिर से आपको अपने भूतकाल में जाना पड़ सकता है जब आपने कुछ खोया था आप होता है क्या हुए थे अब इस शक्ति को जानने के बाद वह वस्तु फिर से हासिल कर सकते हैं जो आपने खोया था


    श्रीमान डबी ने यहां बताया जब कभी कोई संभावना क्षीण नजर आती है या फिर मेरे बीमा करने की संभावना कम हो जाती है तब भी मेरे मन में उस बच्ची का चेहरा याद आता है जो अपने बसाव में डटी रही फिर मेरा मन खुद कहता है असल में ना का अर्थ ना नहीं होता है आपको नहीं पता होगा कि मेरे सबसे अधिक बीमा खरीदार वही लोग हैं जिन्होंने पहली दफा ना कहा था


    उसने याद किया कि वह सोना प्राप्त करने से मात्र 3 फीट पहले ही रुक गया था पर उस अनुभव ने उसे सफल होना सिखा दिया उसने डबी को यह सिखा दिया कि सफलता उन्हें मिलती है जो सफलता के लिए प्रयास करने के बल्कि सफलता उन्हें मिलती है जो सफलता पाने का प्रयास करते हैं


    श्रीमान डबी और उनके अनुसार उस मजदूर की बेटी और सोना की खान यह तीनों कहानियों नि संदेह और उस व्यक्ति को पढ़नी चाहिए जो जीवन बीमा एजेंट के रूप में अपनी जिंदगी सवार ना चाहते हैं उन सभी के लिए लेखक श्रीमान डबी के वे दो अनुभव बताते हैं जिन्होंने बीमा की वजह से हर वर्ष उन्हें 10 लाख  से अधिक डॉलर कमाने की ताकत दी थी
    जिंदगी विचित्र है और आसान भी कभी उतार मिलता है कभी चढाव कभी सफलता हाथ लगती है और कभी और सफलता कभी प्रसन्नता मिलती है कभी निराश वाली इन सभी से हमें कुछ ना कुछ सीखने को जरूर मिलता है डबि को ही देख लीजिए दो वाक्यो ने उनकी जिंदगी बदल दी असल में उन्होंने उन असफलताओं को ऐसे ही नहीं जाने दिया बल्कि उनका अध्ययन किया और उससे से उन्हें जीवन के कुछ रहस्य मिले परंतु विडंबना यह है कि कोई असफलता चाहता ही नहीं है लोगों पता होना चाहिए कि असफलता के अनुभव से ही सफलता का द्वार खुलता है कई दफा असफलता ही हार को जीत में बदलने का अनुभव देती है यही सिखाती है कि आखिर बाजीगर कैसे बना जाए


    इससे पहले कि हम 13 सिद्धांतों की ओर आगे बढ़ रही आपको यह सुझाव बड़े ध्यान से पढ़ना चाहिए जब लोग अमीर बना शुरू करते हैं तो इतनी तेज गति से आगे बढ़ते हैं कि लोग उन्हें देखते ही रह जाते हैं और मन में यह सोचते हैं कि इतने वर्ष यहां कहां पर छुपा हुआ था यहां एक सौ करने वाला कथन लग सकता है क्योंकि हजारों वर्ष आम जनमानस का यह विश्वास बहुत गहरा रहा है कि पैसे कमाने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है


    जब आप विचार शक्ति से अमीर बनने की सिद्धांतों को जान लोगे तब आप उस मन स्थिति में पहुंच जाएगी जहां से अमीर बनने की शुरुआत होती है जिनके पास भी नीशिचत लक्ष्यों होती है वे कम या फिर नगण्य मेहनत  में ही वह सब हासिल कर लेते हैं आप और अपने से कोई लोग इस बात को जानने की इच्छुक होगी कि किस तरह से उस मन स्थियो को प्राप्त किया जाए जहां से मिलने की तरह की शुरुआत होती है इसके रीसच में मेरी 25 बरस की मेहनत है मैंने लगभग 25000 लोगों से बात की है कि मुझे भी जानकारी चाहिए थी कि इस तरह से व्यक्ति धनी कैसे बनता है


    यह बहुत ही जरूरी सत्य बताने जा रहा हूं 1929 में देश के व्यापार मंदी के दौर की शुरुआत हो गई थी वह वहां अब तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे कुछ समय बाद जैसे ही राष्ट्रपति रोसावेलट ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली और ऑफिस में काम करना प्रभात किया सारा व्यापार फिर से इस तरह से गति पकड़ने लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो राष्ट्रपति का आना ठीक वैसा ही था वैसे यह मोमबत्ती अंधेरे कमरे में धीरे-धीरे उजाला भर देती है और किसी को पता भी नहीं चलता ठीक उसी तरह धीरे-धीरे मन के डर को विश्वास में बदलता जा सकता है जैसे-जैसे आप इन सिद्धांतों को जानकारी उन्हें अमल करना प्रभात करते हैं आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगती है और आप ठीक उस व्यक्ति की तरह हो जाएगे जो किसी भी वस्तु को छूता है तो वह सोना बन जाता है यहां आपका असंभव लग रहा है मेरे लिए बिल्कुल नहीं


    हम मानव जाति की यह कमजोरी है कि एक आम इंसान असंभव शब्दों को बहुत तब छोड़ देता है इस बात को पूरी तरह से मन में स्वीकार कर चुका है कि और सिद्धार्थ सभी के लिए लागू नहीं होते हर काम  कोई नहीं कर सकता यहां बुक उन लोगों को जरूर सफल बनाएंगे जो इन नियमों पर अपनी जिंदगी और अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं


    मैंने बचपन में एक शब्द कोष की किताब खरीदी और जानते हो सबसे पहला काम मैंने क्या किया मैंने असंभव शब्द को उस डिक्शनरी से काट फेंका ऐसा करने में कोई बुराई नजर नहीं आती आप भी अपनी जिंदगी से असंभव शब्दों को जड़ से उखाड़ फेंक सकते हैं


    सफलता उन्हें मिलती है जिनका ध्यान सफलता पर होता है और असफलता उन्हें मिलती है जिसका दिया  असफलता पर होता है


    यह पुस्तक उन लोगों के लिए सहायक होगी जो अपने दिमाग के विचारों को  असफलता के डर से हटकर सफलता की ओर एक आग्रह करना चाहते हैं


    हम सभी में एक और कमी पाई जाती है कि हम अपने अनुभव अपनी असफलताओं और अपनी आदतों को देखकर हर किसी के बारे में राय बना लेते हैं कुछ लोग इस किताब को पढ़ते हुए कह सकते हैं कि अमीर बनने का कोई सिद्धांत नहीं है क्योंकि वे इस बात को जानते ही नहीं है कि अमीर लोग की मन स्थिति क्या होती है आखिर उनकी पूरी जिंदगी गरीब कंजूसी और असफलताओं में गुजरी है


    लाखों लोग हेनरी फोर्ड के सफलता को मात्र संयोग या फिर भाग्य मानते हैं परंतु ऐसा नहीं हजार व्यक्तियों में से सिर्फ एक व्यक्ति को ही हेनरी फोर्ड  की सफलता का रहस्य पता होता है और वह लोग इस तरह की बात कहने की गलती नहीं करते हैं में हेनरी फोड़ का एक वाक्य बना बताता हूं जो इस रहस्य को पूर्णतया उद्घाधाटित कर देगा


    जब फोर्ड उस पर प्रसिद्धध V -8 मोटर का निर्माण करने के बारे में सोचा था उन्होंने एक ऐसा इंजन बनाने के लिए तय किया था जिसके एक ब्लॉक में 8 सिलेंडर हो या डिजाइन पेपर पर तो बन गई थी पर जब इसे  प्रौकिटकल में एक इंजन का रूप देने की बारी आई तो सभी इंजीनियर ने हाथ खड़े कर ली उन्हें इंजीनियर को मानना था कि ब्लॉक में 8 सिलेंडर रखकर यहां इंजन नहीं बनाया जा सकता है


    फोर्ड ने कहां किसी भी तरह मुझे यहां एंजिन चाहिए
    यह तो असंभव ही एक साथ सभी इंजीनियर का जवाब था
    आप काम करना शुरू कीजिए फोड़ ने आझा दी चाहे जितना वक्त लग जाए आप तो तब लगे रहिए जब तक सफलता हाथ ना लग जाए


    एजीनियरो ने काम प्रभात कर दिया 6 महीने बीत गए पर कुछ हाथ ना लगे छह महीने और बीत गए पर अभी भी कुछ हासिल नहीं हुआ इंजीनियर ने हर वहां पैतरा अपना लिया था और सफलता उनसे कासो  दूर थी लेकिन यहां पर एक गौर करने वाली बात यह कि 1 साल बाद भी सफलता कोसी दूर थी पर अब संभव नहीं रही थी साल की अंत में फोड़ ने सभी इंजीनियर को फिर से बुलाया और कार्यों पर प्रगति पुछा इस बार फिर से सभी इंजीनियर ने एक साथ जवाब दिया हमें प्रोजेक्ट को जारी रखने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है


    जाइए फिर से काम पर लग जाइए फोड़ ने आजादी हर हाल में मुझे यह इंजन चाहिए और मुझे विश्वास है कि आप इस में सफल हो जाएगे


    वे फिर से काम में लग लग गई अब जादू चल गया था क्योंकि फोड़ ने इस रहस्य को पहचाना था आखिर फोड़ने दढता  एक बार फिर से जीत गई फोड़ ने सिद्ध किया कि असंभव ओर दढता में जीत दढ नीशजव की ही होती है अब आपको भी फोड़ की सफलता का रहस्य पता चल गया है अब आप भी करोड़ों रुपए कमा सकते हैं


    हेनरी फोर्ड इसलिए सफल है कि उन्होंने सफलता के सिद्धांतों को समझा और उन को अमल में लाया उनमें से एक है किसी वस्तु को पाने की इच्छा अगर आप फोर्ड की कहानी पढ़कर उन सिद्धांतों को अमल में लाते हैं तो आप भी उसी सफलता पायदान पर पहुंच सकते हैं जहां पर फोड़ ने अपना झंडा गाड़ा था


    हेनरी फोर्ड का 20  सदी के अंत में ठीक वही स्थान है जो इस समय बिल गेट्स का फोड़ने उस समय ऐसे कार बनाकर परिवहन क्षेत्र में क्रांति ला दी जिससे हर किसी के पास अपनी खुद की कार हो ठीक वही कांति बिल गेट्स ने भी तो कंप्यूटर हिस्ट्री में सॉफ्टवेयर डिजाइन करके फैलाया है अब कंप्यूटर सिफ तकनीकी से जुड़े व्यक्तियों के लिए नहीं रह गया और वह हर किसी की वह किस में जरूरत हो गया है विद्यालयों में भी पहुंच गया है इतना ही नहीं सबके घरों में अपने-अपने निजी लैपटॉप या कंप्यूटर हो गए है ठीक है हेनरी फोर्ड की तरह बिल गेट्स ने तो करोड़ों की संपत्ति कमाई है


    उन्होंने कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग की शुरुआत मात्र 13 वर्ष की उम्र में से ही प्रभात कर दी थी 1973 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया ओर में स्टिंव बल्लमेर जो कि माइक्रोसॉफ्ट के सीनियर ऑफिसर रह चुके हैं कि एक कमरे में रहते थे हार्वर्ड में पढ़ते हुए बिल गेट्स ने सबसे पहले माइक्रो कंप्यूटर के लिए एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बेसिक की खोज की
    गेट्स इस तरह से अपने सपनों को पूरा करने में लग गई कि उन्होंने है हार्वर्ड विश्वविद्यालय को छोड़ दिया अब वह पूरी उर्जा अपने सपनों को पूरा करने में लगाने लगे इससे कुछ समय पहलेे  


    ही उनके बचपन के मित्र पोल एलन के साथ उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की थी जिसका नाम माइक्रोसॉफ्ट था इस माइक्रोसॉफ्ट ने उनके सपनों में लगाई उनका मानना था कि कॉन्पुटर हर ओफीस हर स्कूल और हर घर की जरूरत बन सकती है उनका यहां निश्चित उद्देश्य माइक्रोस्कोप की सफलता का मुख्य कारण बना


    अपना सबसे मुख्य लक्ष्य हासिल करने के बाद बील-गेटस रुके नहीं वे लगातार कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में सुधार प्रति सुधार करते रहे सबसे खास बात उन्होंने सीफ प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में ही काम नहीं किया बल्कि वे विश्व की सबसे बड़ी दान पुण्य की संख्या भी चलाते हैं जिसमें उनके साथ उनकी पत्नी मिलिंडा 


    आप अपने भाग्य के विधाता हो और अपने मन के राजा

    जब अंग्रजी कवि डब्लु सी हेनरी ने लिखा था मैं ही अपने भाग्य का विधाता हु ओर अपने मन का राजा उन्हें उसी समय हमें बताना चाहिए था कि हम ही अपने भाग्य का निर्माण करते हैं और अपने मन का संचालन क्योंकि हमारे पास ऐसी शक्ति है जिससे हम अपने विचारों पर काबू पा सकते हैं
    उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यह व्योम पृथ्वी चंद्रमा और इस पृथ्वी में रह रहे जीव जंतु या फिर चल रहे हम लोग सभी वस्तुओं ऊर्जा है जो सबसे बड़ी ऊर्जा क्षेत्र से बंधी हुई है जिसे हम असीम शक्ति का शक्ति कह सकते है वहां असीम शक्ति हमारे दिमाग में चल रहे विचारों से प्रभावित होता है और जो हम सोचते हैं उसे हमारी जिंदगी में वास्तविक रूप में अवतरित करता है


    अगर कवी ने इस सत्य का ज्ञान उस समय करा दिया होता तो हमें पता चल जाता है कि हम अपने भाग्य के विधाता और मन के राजा क्यों है उन्हें यह जोर देकर बताना चाहिए था कि ब्रह्मांड की असीम शक्ति इस बात को नहीं जानती कि आप जो सोच रहे हैं वह अच्छा है या बुरा वह उन विचारों का वास्तविकता में लाती है जो आप सोच रहे हैं इससे उसे कोई लेना देना नहीं है कि वह आपके लिए बुरे हैं या अच्छे


    उन्हें यह भी बताया चाहिए था कि हमारे मन में जब कोई विचार हावी हो जाता है तो वहां एक चुंबक की भांति काम करने लगता है और अपने से सामान परिस्थितियों व्यक्तियों और वस्तुओं को अपनी ओर चुंबक की भांति आकर्षित करता है


    उन्हें बताना चाहिए था कि इससे पहले कि हम अमीर बने हमारे मन को चुंबक की भांति कार्य करना प्रभात कर देना चाहिए यह तभी संभव है जब हमारे मन में अमीर बनने का विचार पूरी तरह से हावी हो जाएं और हमारा मन सिर्फ अमीरी बनने के बारे में सोचने लगे तभी हमारा निशिचत प्लान सफल हो पाएगा


    जैसा कि हेनली कवि थे ना कि दार्शनिक इस वजह से वहां अपनी बात को सिर्फ कविता के अंदाज में कहां पाए उनका अनुसरण करने वाला कुछ समझ पाई है और कुछ नहीं धीरे-धीरे समय बीता किया और इस अटल सत्य में से पर्दा उठने लगा इस पुस्तक में हूं इन्हीं सब सिद्धांतों का वर्णन है


    स्टीवन स्पीलबर्ग एक अन्य व्यक्ति जिन्होंने हम अपने भाग्य के विधाता उद्धरण को सही सिद्ध करने का एक नई मिसाल दी जो चलचित्र फिल्मों के सर्वकालिक महान निर्देशक साबित हुई है उन्होंने बचपन से ही फ़िल्म निर्देशन करने का सपना सजा दिया था यह खास बात यह कि उन्होंने अपने सपने को मरने नहीं दिया और बचपन से ही एक पुराने कैमरा से शौकिया तौर पर फिल्म बनाने लगे


    स्पिलबर्ग को यूनिवर्स यूनिवर्सल स्टूडियो की तरह से मौका किस तरह मिला इसकी भी बड़ी विचित्र कहानी है एक गाड़ी में बैठ कर आगतुको यूनिवर्सल स्टूडियो का पूरा चक्कर घुमाया जाता था स्पीलबर्ग उस गाड़ी में छुपकर दो साउंड बीच में बैठ जाते थे और पूरा चक्कर लगाकर वापस आते थे जब वह वापस गेट के पास आ जाते तो उनकी यह आदत थी के पहरेदार से दो चार गपे जरूर लड़ा लिया करते थे


    दिन प्रति दिन बीतता गया और वहां लगातार तीन महीने तक स्टूडियो जाते रहे जाते समय पहरेदार से हाथ मिला कर सलाम करते और वापस आते समय हाथ मिलाकर विदा हो जाते थे वह हमेशा एक कोट पहनते थे वह हाथ में सूटकेस लिए हुए होते थे जिससे पहरेदार को यह महसूस हो कि वहां गर्मीयो की क्लास लेने वाला छात्रा है अब तक उन्होंने कुछ निर्देशक को लेखकों और संपादकों से व्यवहार भी बना लिया था यहां तक कि उस बिल्डिंग में एक खाली कमरा मिलने पर उन्होंने अपना नाम चश्पा कर दिया था और वहां पर बैठने लगे थे


    इसी तरह से एक दिन उनकी वहां क्यों उस समय प्रोडक्टशन हेड सिड शीबग से मुलाकात हो गई उन्होंने सी शीबग को कॉलेज के टाइम पर बनाई हुई फिल्म दिखाइए शीबग उस फिल्म को देखकर इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने उस नौजवान को स्टूडियो के लिए कांटेक्ट कर लिया
    उनकी पहली फिल्म The Sugraland Express ने बॉक्स ऑफिस पर अधिक व्यवसाय तो नहीं किया पर इसे आलोचकों का बहुत प्यार मिला यहां तक कि एक कॉन फिल्म समारोह में इस फिल्म को कई पुरस्कार भी मिले उनकी सबसे बड़ा बैग तब मिला जब कहीं से उन्हें  jaws पुस्तक प्राप्त हो गए स्टूडियो उस पर फिल्म बनाने को तैयार था और उसके लिए उन्हें एक बेहतरीन निर्देशक भी मिल गया था


    स्पीलबर्ग इस फिल्म को खुद बनाना चाहते थे इसके लिए प्रतिबंध थे जबकि उनकी पिछली फिल्म The Sugraland Express ने कोई खास व्यवसाई ने किया था उनका आत्मविश्वास डगमगा या नहीं था उन्होंने प्रोडुक्शन से अपनी बात रखी और उस निदेशक को हटाकर उन्हें फिल्म देने की मांग कर दी


    यह कोई आसान काम नहीं था प्ररंभ से ही कुछ कठिनाई थी प्रोडक्शन कंगाली के दौर से गुजर रहा था खैर जब 1975 में jaws रिलीज हुई तो इसी दोहरा ही सफलता प्राप्त हुई इस ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले और आलोचकों का बहुत प्यार पाया रिलीज होने के 1 महीने में ही इस फिल्म ने बॉक्स आफिस में 10 करोड़ डॉलर की कमाई कर डाली थी जो उस समय की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी उसके बाद स्पीलबर्ग ने कई फिल्मों का निर्देशन किया उनमें इंडियाआना जैस सीरीज पुरुषकुत द कलर पर्पल ओर एंपायर ओफ द सन शामिल है


    कुछ समय पश्चात स्पीलबर्ग ने जुरासिक पार्क फिल्म निर्देशक की जो उस समय के इतिहास की सबसे सफल फिल्म थी यहां स्पीलबर्ग की तीसरी फिल्म थी जिसने सारे रिकॉर्ड तोड़े थी इसने करोड़ों डॉलर में अधिक की कमाई की थी


    स्पीलबर्ग यहीं नहीं रुके वे अपने सपनों को लगातार पूरा करने की तरह बढ़ते गए जब वहां और 2 हॉलीवुड मूगलो ने अपना एक प्रोडुक्शन हाउस खोल लिया  जिसका नाम ड्रीमवर्क्स था यह तो अच्छी स्पीलबर्ग की कहानी अब हम सबसे पहले सिद्धाधात को पढ़ने की ओर बढ़ रहे हैं अपना दिमाग खुला रखिए आप को याद रहे कि यह  सिद्धाधात किसी एक व्यक्ति की जिंदगी से नहीं बनाया गया है बल्कि 500 ऐसे अमीर के अनुभव से बनाया गए है जो गरीब में पले बढ़े और जिन्हें अधिक शिक्षा भी उपलब्ध नहीं हो पाए फिर भी उन्होंने विश्व में अपना परचम फहराया

    Think and Grow Rich Book Summary


    ये नियम बहुत कोई कठिन नहीं है बहुत ही आसान है हमें पता है कि आप अमल में ला सकते हैं


    इससे पहले कि हम अगले अध्याय की तरफ बढ़े मैं बताना चाहूंगा कि इसमें दो ऐसे लोग की जिंदगीयों की कहानी है जिन्होंने अपनी जिंदगी में बड़े विस्मयकारी बदलाव लाए
    मैं तुम्हें यह भी बताना चाहता हूं कि यह दोनों व्यक्ति मुझसे काफी करीब है एक मेरा ऐसा करीब दोस्त है जिसे मैं 25 साल से जानता हूं और दूसरा मेरा बेटा है इन दो व्यक्तियों की भी कर देनेवाली सफलता में अगले चैप्टर में बताए गए सिद्धांधातों का बड़ा योगदान रहा है

    Rich Dad Poor Dad Book in Hindi Chapter:-2

     rich dad poor dad summary  अध्याय दो सबक एक: अमीर लोग पैसे के लिए काम नहीं करते डै डी क्या आप मुझे बता सकते हैं कि अमीर कैसे बना जाए?  ...